प्रेम दीवानी

तुम मेरे उर के सागर हो मै प्रेम दीवानी सरिता हूँ तुम गीत गजल रस छंद मेरे मै तुम में बहती कविता हूँ पर्वत से तो निकल पड़ी हूँ मिलन की आस लिए मन में जाने कब तक पड़े भटकना कंकड़ पत्थर के वन में विरह वेदना की अग्नि में पल – पल जलती वनिता … Continue reading प्रेम दीवानी